सर्दियां बीतने को हैं , गर्मी ने दस्तक दे दी है। बसंत ऋतु के दौरान प्यार के इजहार से बेहतर और कौन सा मौका हो सकता है। हमें जैसे ही प्यार का एहसास होता है , मन बेचैन हो जाता है। धड़कनें बढ़ जाती हैं। वसंतोत्सव के उल्लासित माहौल में जैसे - जैसे वक्त बीतता है , वैसे - वैसे अपने वैलंटाइन से इजहार करने का जज्बा जोर मारने लगता है। जल्द ही ' उसके ' बिना कुछ अच्छा नहीं लगता। इस अनकही बात को कहने के रास्ते तलाशे जाते हैं , पर डर इस बात का लगता है कि कहीं यह ' अनकही बात ' अनसुनी न रह जाए। इस भावना के इजहार के लिए सबसे अच्छा दिन यानि वैलंटाइंस डे का इंतजार किया जाता है। अक्सर यह समस्या आती है कि प्रेम का इजहार कैसे करें ! प्रेम - पत्र से ? नहीं - नहीं , वह अब पुराना हो चला है। इसमें भी कुछ अलग होना चाहिए , सबसे जुदा। साथ में , एक खास गिफ्ट रहे तो क्या बात है। आज के युग में दो व्यक्तियों के बीच पनपने वाली प्यार की इस अनुभूति का भी पूरी तरह बाजारीकरण हो चुका है। आप अपने प्यार को किस तरह से और किस माध्यम से जाहिर करेंगे यह आप नहीं बल्कि आज का मार्केट तय करता है। आज मार्केट तय करता है कि हम अपने वैलंटाइन से क्या कहें और क्या गिफ्ट दें। और यह मार्केट कोई छोटा - मोटा नहीं बल्कि सैकड़ों करोड़ों रुपये के टर्न - ओवर वाला हो गया है। हालात ये हो चुके हैं कि इस वैलंटाइंस डे का इंतजार जितना प्रेमी युगल करते हैं , उससे कहीं अधिक बाजार करता है। बाजार को सिर्फ सेलिब्रेशन का बहाना चाहिए। फिर देखिए कि कैसे उसकी मार्केटिंग शुरू होती है। इस समय पूरा बाजार दिल के आकार वाली सैकड़ों भेंट वस्तुओं से अटा पड़ा है। नवी मुंबई , ठाणे और मुंबई भर के सैकड़ों शॉपिंग मॉल्स , गिफ्ट आर्टिकल्स की दुकानों और फूल बाजारों में सिर्फ और सिर्फ वैलंटाइंस डे से जुड़ी वस्तुओं का ही नजारा दिख रहा है। इनमें चॉकलेट्स के डिब्बे व बुके , टेडी बियर , हार्टशेप्ड कैंडल्स , हार्टशेप्ड गुब्बारे , पेन , ब्रेसलेट्स , सॉफ्ट ट्वायज , लव मैसेज , बेल्ट्स , परफ्यूम्स , फोटो फ्रेम्स , कई भाषाओं में लिखे ग्रीटिंग कॉर्ड्स जिनमें जनरल कार्डस् , आदि शामिल हैं। ये सभी 20-30 रुपये से 600-700 रुपये तक की रेंज में बिक रहे हैं। प्यार भले ही हर किसी का निजी मामला हो , पर इसका फायदा उठाने में पूरा बाजार लगा हुआ है। आज यह हम कह सकते हैं कि अग्रेसिव मार्केटिंग के चलते ही हर इंसान हर मौके को औसत से अधिक सेलिब्रेट कर रहा है। प्रेम से चूंकि युवा वर्ग का स्वाभाविक रूप से सर्वाधिक संबंध रहता है इसलिए युवा वर्ग द्वारा पहने जाने और उपयोग में लाई जाने वाली हर वस्तुओं की निर्माता कंपनियों में पूरे युवा वर्ग को टार्गेट करके मार्केटिंग की जाती है। होटलों , शॉपिंग मॉल्स , रेस्तरां , कॉफी शॉप्स , रिसोर्ट्स , पिकनिक स्पॉट्स , हिल स्टेशनस् , हॉली - डे होम्स , पब्स आदि शामिल हैं। इसके लिए प्रेमी जोड़ों को भारी डिस्काउंट का लालच दिया जा रहा है। बाजारों में गिफ्ट की चाहे कितनी भी किस्में आ जाएं , वैलंटाइंस डे के लिए रेड - रोज यानी लाल गुलाब का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। पूरे मुंबई महानगर परिसर में वैलंटाइंस डे के लिए लाल गुलाबों की खेप पहले ही पहुंच चुकी है। वैसे भी इस समय गुलाब के फूलों का उत्पादन औसत से काफी कम हुआ है। इसके चलते सभी गुलाबों विशेष कर लाल गुलाब काफी महंगे हो गए हैं। वैसे इस समय करीब 35 रंगों के गुलाबों का उत्पादन किया जाता है। मुंबई क्षेत्र के बाजारों में राज्य के नाशिक , पुणे , सातारा , कोल्हापुर आदि जिलों के अलावा पूरे देश और विदेशों से भी गुलाब बिकने के लिए आता है। प्रेमियों में कुछ नया करने का जुनून हमेशा ही रहता है। अब इसमें अपने शरीर पर टैटू यानी गोदने गुदवाने का नया फैशन शामिल हो गया है। इसके चलते शहर के सभी टैटू पार्लरों में युवा वर्ग की भीड़ काफी देखी जा रही है। इसमें कपल्स की भी काफी संख्या है। युवा वर्ग में युवतियों का टैटू गोदवाने के लिए अधिक जोर है। इसके लिए हार्ट्स , विंग्स , विभिन्न फ्लावर्स , बटर - फ्लाई , एंजल्स , एंकर्स आदि समेत अपने पार्टनरस् के नाम या उनके संक्षिप्त नामों को लिखने का फैशन जोर में है। बता दें कि टैटू दो प्रकार के होते हैं। अब जब सरकार ने समलैंगिकों के लिए कानूनी कवच का बीड़ा उठा लिया है , तो इस समूह के लोगों में भी खुलेआम अपने प्रेम - प्रदर्शन का जोर बढ़ता जा रहा है। कई होटलों में लंच और डिनर के लिए समलैंगिक संबंध रखने वाले कई पुरुष युगलों और महिला युगलों द्वारा अपने लिए टेबल बुक करके रखने की खबर मिली हैं। प्रेमी युगलों द्वारा खुलेआम प्रदर्शन करने को रोकने के लिए खाकी वर्दी वाली पुलिस के अलावा मॉरल पुलिस यानी कुछ राजनैतिक दलों के स्वयंसेवक भी अश्लील प्रदर्शन पर उतारू प्रेमी जोड़ों पर कड़ी नजर रखेंगे। ये लोग अमूमन हर उस जगह तैनात होंगे जहां प्रेमी युगलों के मिलने के अड्डे होते हैं। शिवसेना ने तो इस दिन के लिए विशेष रूप से देह - दान या अंग - दान शिविर का आयोजन करने की तैयारी कर रखी है। इसके लिए विशष रूप से छापे गए फॉर्म में इच्छुक नागरिक अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखों , किडनी , लीवर , त्वचा या पूरे देह - दान का संकल्प ले सकते हैं। एनसीपी ने तो ' इंडिया इज माई वैलंटाइन ' मनाने की घोषणा कर रखी है। कुछ अन्य सामाजिक संगठनों ने इस दिन को ' संस्कृति रक्षा दिवस ' के रूप में तो कुछ ने ' दादा - दादी या नाना - नानी दिवस ' के रूप में मनाने की तैयारी कर रखी है।
Monday, February 14, 2011
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