पिछले साल मार्च में एक ऐक्ट्रेस के साथ सेक्स टेप के चलते चर्चा में आए स्वामी नित्यानंद ने साल भर बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। चुप्पी तोड़ते ही उन्होंने एक ' सनसनीखेज खुलासा ' कर दिया है। नित्यानंद ने कहा है कि उन्हें 100 करोड़ रुपए के लिए दो उच्च पदासीन लोगों द्वारा ब्लैकमेल किया गया था। इसके बाद ही उनके और ऐक्ट्रेस रंजीता के फर्जी सेक्स टेप टीवी पर दिखाए गए। बलात्कार के आरोप में 53 दिन जेल में रह चुके नित्यानंद का कहना है कि टीवी पर दिखाए गए टेप के साथ अमेरिकी लैब में छेड़छाड़ की गई थी। उन्होंने ब्लैकमेल करने वाले उन 2 लोगों के नामों का खुलासा करने से साफ इनकार कर दिया है। नित्यानंद का कहना है कि उन्हें अब भी धमकियां मिल रही हैं। नित्यानंद ने कहा , ' मैं चुप रहा क्योंकि सीआईडी मेरे खिलाफ आरोपों की जांच कर रही थी। मैंने उन्हें 2 लोगों के नाम बताए थे , लेकिन सीआईडी ने इस पर कोई कदम उठाने से मना कर दिया था। ' सीआईडी के केस को फिजूल करार देते हुए नित्यानंद ने कहा कि, यह ऐसा ही है , जैसे पीएम या प्रेजिडेंट पर 200 रुपए चोरी का आरोप लगाया जाए। तस्वीरों में : स्वामी नित्यानंद का सेक्स टेप नित्यानंद ने कहा , ' मैं एक करोड़ से ज्यादा अनुयायियों को निर्देश देता हूं और मुझ पर रेप का आरोप लगाया गया है ? सीआईडी कहती है मैंने एक महिला अनुयायी का चार सालों तक रेप किया। अगर ऐसा है तो वह महिला चार सालों तक मेरे कमरे में क्यों आती रही होगी ?' नित्यानंद ने पुलिस को निशाना बनाते हुए कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु में आश्रम की प्रॉपर्टी पर तोड़ - फोड़ करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा , ' इस तोड़ - फोड़ में कोई भी कन्नड़ बोलने वाला व्यक्ति शामिल नहीं होगा , मुझे पूरा विश्वास है। जिन्होंने असल में यह हमले किए उन्हें सपोर्ट किया गया , जबकि आश्रम के लोगों के खिलाफ केस बनाए गए। ' स्वामी नित्यानंद का कहना है कि अमेरिका में कुछ ' ईर्ष्यालु ' धार्मिक संस्थाओं से जुड़े वकीलों ने इस फर्जी सेक्स टेप कांड को अंजाम देने में महती भूमिका निभाई। ऐसा इसलिए क्योंकि ये धार्मिक संस्थाएं ' लिंगम ' की पूजा को अश्लील मानती हैं। इसी के चलते तथ्यों के साथ छेड़छाड़ हुई। नित्यानंद का कहना है कि इसका पता उन्हें मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के बाद ही पता चला। सेक्स टेप के बारे में वह कहते हैं कि यह फर्जी है और इसमें वह शामिल नहीं हैं।
Tuesday, February 1, 2011
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