Monday, February 28, 2011
बजट में कई सुविधाओं की घोषणा
Friday, February 25, 2011
जवाब देते वक्त केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी आपा खो बैठे।
Tuesday, February 22, 2011
फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद के बरी होने ने उसकी जांच पर फिर नए सिरे से सवाल
Wednesday, February 16, 2011
मैं मजबूर हूं।
Monday, February 14, 2011
प्यार का एहसास , मन बेचैन
चुन्नी अपनी बहन की ही तरह बदनाम होना चाहती है।
मुन्नी को तो आप जानते ही होंगे जो सलमान की खातिर बदनाम हो गई। उसी मुन्नी की एक बहन है चुन्नी जो अपनी बहन की ही तरह बदनाम होना चाहती है। लेकिन किसी एक के लिए नहीं , बल्कि कइयों के लिए। दरअसल चुन्नी को आजकल कई सारे लोगों से प्यार हो गया है। वह कभी किसी के बारे में सोचती है तो कभी किसी के बारे में ... अब फितूर चढ़ा है आज वैलंटाइंस डे पर तो वह अपने दिल की बात उन तक पहुंचा ही देगी। लेकिन वह कन्फ्यूज्ड है ... कि इनमें से चुने किसको। अब वह यही सोच रही है कि अगर वह मेरे वैलंटाइन होते तो मैं उनसे क्या कहती , उन्हें क्या गिफ्ट देती , उनसे क्या गिफ्ट लेती। आइए जानें कि क्या सोचती है हमारी चुन्नी : ए . राजा - ए G ओ G. आप बड़े 2 much हो G. इस वैलंटाइंस डे में आप भी कहां जाकर बैठ गए। अब आपसे कैसे मिलूं और और क्या कहूं। बस इतना ही कहती हूं ' गेट वेल सून G' राहुल गांधी - लोग कहते हैं कि आप देश का चमकता सितारा हो , ऐसा सितारा जो दूसरों को रास्ता दिखाता है। एक्चुअली मैं आपके लिए एक नजर का चश्मा लाई हूं। आप इसे पहनें। इसे पहनकर आपको आपके आसपास ही कुछ गुस्ताख लोग आपके मुल्क के साथ खिलवाड़ करते साफ नजर आएंगे। जब आप सबको रास्ता दिखाते हो तो उन्हें भी रास्ते पर ले आओ ना।
Tuesday, February 8, 2011
चोरी और सीनाजोरी
सीवीसी प्रमुख पद पर नियुक्ति मामले की सुनवाई के दौरान पी. जे. थॉमस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई कि उनकी नियुक्ति को जूडिशियल रिव्यू के दायरे में नहीं लाया जा सकता। साथ ही दलील दी गई कि उनके खिलाफ करप्शन केस में चार्जशीट पेंडिंग होने से उनकी नियुक्ति को चुनौती नहीं दी जा सकती। थॉमस के वकील के. के. बेनुगोपाल ने कहा कि मतदाता कानून के तहत भी दोषी सांसद और एमएलए अपने पद पर बने रह सकते हैं भले ही आपराधिक मामलों में उनके दोषी साबित किए जाने के खिलाफ अपीलें पेंडिंग हों। हालांकि चीफ जस्टिस एस. एच. कपाडि़या की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, दोष साबित होने का कोई तथ्य है और यदि कोई व्यक्ति नियुक्त किया जाता है तो क्या हम कह सकते हैं कि नियुक्ति की कोई न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। वेणुगोपाल ने कहा कि चूंकि कानून सीवीसी के तौर पर किसी व्यक्ति की नियुक्ति की योग्यता और औचित्य को योग्य अथवा अयोग्य करार देता है इसलिए जब इसका सेलेक्शन होता है तब संबंधित अथॉरिटी के संतुष्टि के आधार पर इसका चयन होता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या नियुक्ति प्राधिकार समिति में शामिल सदस्यों के बीच अजेंडा के साथ पूरी फाइल रखी गई थी तब अटॉर्नी जनरल ने कहा कि थॉमस के मामले की पूरी फाइल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमिटी के सदस्यों के सामने नहीं रखी गई थी, जिसने नियुक्ति का फैसला किया था। हालांकि वाहनवती ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें नहीं पता कि क्या हुआ, समिति ने क्या कहा, उन्होंने क्या किया और सदस्यों के बीच क्या रखा गया। हालांकि इस बात से इनकार कर दिया कि थॉमस की नियुक्ति में किसी तरह की प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ था।
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Thursday, February 3, 2011
खाकी वर्दी को दागदार करने वाले
पुलिस पर जब खुद नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने, घूस मांगने और अपराध की शिकायत करने पर भोले-भाले लोगों को पीटने के आरोप हों तो क्राइम पर रोक कैसे लग सकती है। ऐसे ही 3 मामलों में खाकी वर्दी को दागदार करने वाले 2 दरोगा समेत 4 पुलिसकर्मियों को बुधवार को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया जबकि नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में रंगे हाथों पकड़े गए सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मंगलवार को पुलिसवालों के परिवार के लोगों के अपराध शामिल होने का मामला सामने आया था। एसएसपी ने कहा कि अपराध में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा, चाहे वह कोई भी क्यों न हो। तस्करी में शामिल सिपाही गिरफ्तार हापुड़ के निजामपुर तिराहे के पास से पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी करने के आरोप में एक सिपाही और शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से पुलिस ने 250 ग्राम हेरोइन बरामद की है। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इस हेरोइन की कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई गई है। गिरफ्तार सिपाही ने स्वीकार किया कि उसके संबंध पिछले काफी वक्त से तस्करों से रहे हैं। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि अब शासन को रिपोर्ट भेजकर उसकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार किया गया सिपाही कविनगर थाने की लालकुआं चौकी पर तैनात था और इन दिनों वह पुलिस लाइन में रिजर्व की ड्यूटी कर रहा था। हापुड़ पुलिस को सूचना मिली थी कि निजामपुर तिराहे पर कुछ तस्कर नशीले पदार्थों की डीलिंग करने के लिए आने वाले हैं। इस पर बुधवार को सवेरे ही तिराहे के आसपास पुलिस मुस्तैद थी। सवेेरे जैसे ही 2 व्यक्ति आए और उन्हें तीसरे व्यक्ति ने 2 पैकिट दिए, वैसे ही पुलिस ने उन्हें घेर लिया। हालांकि पैकिट देने वाला तो फरार हो गया पर उसे लेने वाले दोनों व्यक्तियों को दबोच लिया गया। उनके पास से करीब 250 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। दबोचे गए व्यक्तियों में एक सिपाही निकला जो खाकी वर्दी में था, जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो खाकी वर्दी वाले ने खुद को कविनगर थाने की लालकुआं चौकी पर तैनात कॉन्स्टेबल महेंद्र सिंह बताया। मूलरूप से कांठ का रहने वाला महेंद्र 8 जनवरी से पुलिस लाइन में आकर इन दिनों रिजर्व की ड्यूटी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, पहले तो कॉन्स्टेबल ने बताया कि वह खुद ही नशीले पदार्थों की तस्करों को पकड़ने के लिए आया था पर बाद में उसने स्वीकार किया कि उसकी तस्करों से नजदीकियां रही हैं। उसके साथ गिरफ्तार युवक संजय कुमार दिल्ली के पांडव नगर मयूर विहार फेज-1 का रहने वाला है। उसने बताया कि नशीले पदार्थांे की तस्करी करने वाले संजय को वह पिछले एक साल से जानता था। वह इस हेरोइन का सौदा करने आया था। घुस मांगने वाला दरोगा सस्पेंड लोनी की पुष्प विहार कॉलोनी डीएलएफ में दहेज उत्पीड़न की दर्ज एफआईआर को समाप्त कर एफआर ( फाइनल रिपोर्ट ) लगाने के नाम पर 50 हजार रुपया घूस मांगने के आरोपी दरोगा को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि 2008 में सतीश चंद्र नाम के व्यक्ति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जांच में वह रिपोर्ट झूठी मिली और कोर्ट ने भी इसे समाप्त करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद मामले की जांच कर रहे दरोगा हरदयाल ने एफआर लगाने के नाम पर 50 हजार रूप की मां कर रहे थे। इससे पहले वह 500 रुपया भी उनसे ले चुका था। उन्होंने बताया कि बुधवार को सतीश ने दरोगा की शिकायत एसएसपी से की। एसएसपी रघुवीर लाल ने शिकायत की जांच करने के लिए खुद को सतीश का भाई बताकर मोबाइल फोन पर दरोगा से बात की। बातचीत में दरोगा ने 50 हजार रुपये मांग लिए। इस पर हरदयाल को सस्पेंड कर दिया गया। इस मामले में एसएसपी ने थानेदार ( लोनी ) से अपना काम ठीक से करने और अपने जूनियरों पर निगाह रखने की बात कही। साथ ही हिदायत दी है कि वे क्षेत्र में लंबित मामलों की समीक्षा कर कार्रवाई करें। मारपीट करने वाले दरोगा और सिपाही सस्पेंड कविनगर सी ब्लॉक में कार चोरी की रिपोर्ट पुलिस को देना एक कारोबारी को महंगा पड़ गया। चोरी की जांच करने गए दरोगा और सिपाही ने पहले तो कारोबारी पर ही कार चोरी करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने जब विरोध किया तो दरोगा और सिपाही ने कारोबारी से दुर्व्यवहार किया। इस दौरान ड्राइवर राकेश के बीच में बोलने पर पुलिसकर्मियों ने उसे जमकर पीटा और कारोबारी की पत्नी के साथ भी मारपीट की। बाद में मौके पर पहंुचे एसपी सिटी ए . के . विजेता की रिपोर्ट पर एसएसपी ने आरोपी दरोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया है। कविनगर सी ब्लॉक में दाल का कारोबार करने वाले दीपक गर्ग रहते हैं। मंगलवार रात में उन्होंने अपनी वैगनआर कार घर के गेट पर खड़ी की थी। बुधवार सवेरे कार गायब थी। इस पर उन्होेंने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर कार चोरी की रिपोर्ट दी। थोड़ी देर बाद ही कविनगर चौकी इंचार्ज चमनलाल और सिपाही सुरेंद्र मौके पर पहंुचे , जब उन्हें पता लगा कि कार गेट के बाहर खड़ी थी तो सिपाही सुरेंद्र ने कह दिया कार कहीं खुद तो नहीं चोरी कराई गई। इस पर कारोबारी ने नाराजगी जताई। इसके बाद भी चौकी इंचार्ज ने दोबारा ऐसा कहा तो वहां मौजूद उनके ड्राइवर राकेश ने विरोध कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि दोनों पुलिसकर्मियों ने राकेश के साथ मारपीट की। इस दौरान कारोबारी की पत्नी मनीषा ने जब ड्राइवर को बचाने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ भी हाथापाई की। आरोप है कि इस बीच कारोबारी के रिश्तेदार मनोल गोयल आ गए लेकिन उनके साथ भी पुलिसकर्मियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इसके बाद वहां के क्षेत्रवासी इकट्ठा हो गए। उधर , पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार की शिकायत कारोबारी ने मेयर दमयंती गोयल और एसपी सिटी ए . के . विजेता से की। सूचना पर दोनों मौके पर पहंुचे। उन्होंेने नाराज कारोबारी और क्षेत्रवासियों को शांत कराया। एसपी सिटी ने पूरे मामले की जानकारी एसएसपी को दी। इसके बाद एसएसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। एसएसपी का कहना था कि पुलिसकर्मियों को किसी से दुर्व्यवहार करने की छूट नहीं है। पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट एसपी सिटी से मांगी ग ई है।
Tuesday, February 1, 2011
स्वामी उसकी पत्नी समेत गिरफ्तार
सनसनीखेज खुलासा
पिछले साल मार्च में एक ऐक्ट्रेस के साथ सेक्स टेप के चलते चर्चा में आए स्वामी नित्यानंद ने साल भर बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। चुप्पी तोड़ते ही उन्होंने एक ' सनसनीखेज खुलासा ' कर दिया है। नित्यानंद ने कहा है कि उन्हें 100 करोड़ रुपए के लिए दो उच्च पदासीन लोगों द्वारा ब्लैकमेल किया गया था। इसके बाद ही उनके और ऐक्ट्रेस रंजीता के फर्जी सेक्स टेप टीवी पर दिखाए गए। बलात्कार के आरोप में 53 दिन जेल में रह चुके नित्यानंद का कहना है कि टीवी पर दिखाए गए टेप के साथ अमेरिकी लैब में छेड़छाड़ की गई थी। उन्होंने ब्लैकमेल करने वाले उन 2 लोगों के नामों का खुलासा करने से साफ इनकार कर दिया है। नित्यानंद का कहना है कि उन्हें अब भी धमकियां मिल रही हैं। नित्यानंद ने कहा , ' मैं चुप रहा क्योंकि सीआईडी मेरे खिलाफ आरोपों की जांच कर रही थी। मैंने उन्हें 2 लोगों के नाम बताए थे , लेकिन सीआईडी ने इस पर कोई कदम उठाने से मना कर दिया था। ' सीआईडी के केस को फिजूल करार देते हुए नित्यानंद ने कहा कि, यह ऐसा ही है , जैसे पीएम या प्रेजिडेंट पर 200 रुपए चोरी का आरोप लगाया जाए। तस्वीरों में : स्वामी नित्यानंद का सेक्स टेप नित्यानंद ने कहा , ' मैं एक करोड़ से ज्यादा अनुयायियों को निर्देश देता हूं और मुझ पर रेप का आरोप लगाया गया है ? सीआईडी कहती है मैंने एक महिला अनुयायी का चार सालों तक रेप किया। अगर ऐसा है तो वह महिला चार सालों तक मेरे कमरे में क्यों आती रही होगी ?' नित्यानंद ने पुलिस को निशाना बनाते हुए कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु में आश्रम की प्रॉपर्टी पर तोड़ - फोड़ करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा , ' इस तोड़ - फोड़ में कोई भी कन्नड़ बोलने वाला व्यक्ति शामिल नहीं होगा , मुझे पूरा विश्वास है। जिन्होंने असल में यह हमले किए उन्हें सपोर्ट किया गया , जबकि आश्रम के लोगों के खिलाफ केस बनाए गए। ' स्वामी नित्यानंद का कहना है कि अमेरिका में कुछ ' ईर्ष्यालु ' धार्मिक संस्थाओं से जुड़े वकीलों ने इस फर्जी सेक्स टेप कांड को अंजाम देने में महती भूमिका निभाई। ऐसा इसलिए क्योंकि ये धार्मिक संस्थाएं ' लिंगम ' की पूजा को अश्लील मानती हैं। इसी के चलते तथ्यों के साथ छेड़छाड़ हुई। नित्यानंद का कहना है कि इसका पता उन्हें मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के बाद ही पता चला। सेक्स टेप के बारे में वह कहते हैं कि यह फर्जी है और इसमें वह शामिल नहीं हैं।