Tuesday, September 10, 2013

मुजफ्फरनगर और शामली में हिंसा का सिलसिला थमा नहीं

 कर्फ्यू, सुरक्षा के भारी इंतजाम और अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादलों के बाद भी मुजफ्फरनगर और शामली में हिंसा का सिलसिला थमा नहीं है। हालात काबू में होने के सरकार के दावों के उलट सोमवार को कम से कम 8 लोगों की हत्याएं कर दी गईं। इस तरह अब तक कुल 36 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक यह आंकड़ा ज्यादा है। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए 286 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुजफ्फरनगर के रतनपुरी इलाके में सोमवार शाम दो भाइयों की हत्या कर दी गई। मीरापुर के पड़ाव चौक पर उन्मादी युवकों ने बाइक सवार दो लोगों को गोली मार दी। एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। तितावी क्षेत्र के मुकंदपुर बाइक से जा रहे चाचा-भतीजे पर रास्ते में कुछ युवकों ने हमला कर दिया। इसमें चाचा की मौत हो गई और भतीजा घायल हो गया। सोमवार देर रात खतौली के रतनपुरी थाने के मंथेडी गांव में संप्रदाय विशेष के दो दूध कारोबारियों की हत्या कर शव खेत में फेंक दिए गए।
शामली में भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। बाबरी थानाक्षेत्र के बुटराड़ा निवासी एक व्यक्ति बाइक से कुरमाली जा रहा था। उसको गोली मार दी गई। शव कुरमाली के निकट खेतों में फेंक दिया। खेतों के पास उसकी बाइक पड़ी मिली। कुरमाली में 60 मुस्लिम परिवारों को हिंदुओं ने डीएम-आईजी की मौजूदगी में पलायन करने से रोका। छपरौली के राठौडा़ गांव में दोपहर को एक धर्मस्थल से भड़काऊ बातें कहीं गई। एसटीएफ ने पहुंचकर वहां तलाशी ली तो धारदार हथियार मिले।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद मुजफ्फरनगर के ग्रामीण इलाकों में हिंसा रुक नहीं पा रही हैं। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के कवाल गांव से शुरू हुई हिंसा देहात के कोने-कोने तक जा पहुंची। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के कई गांव, मीरापुर और आसपास के क्षेत्र, भोपा क्षेत्र के गांव, बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र, फुगाना थानाक्षेत्र के गांव पूरी तरह हिंसा की चपेट में है। खतौली में दो लोगों की गोली लगी लाश मिलने से फिर माहौल गर्मा गया।
शामली सोमवार रात फिर भड़क उठा। दयानंदनगर, नाला पट्टी, कलंदरशाह, नंदू प्रसाद, गुजरातियान, माजरा रोड, हाजीपुरा, बरखंडी समेत कई मोहल्लों एक साथ फायरिंग शुरू हो गई। सात-आठ मोहल्लों में एक साथ हुई ताबड़तोड़ फायरिंग से नगरवासियों के कलेजे दहल गए। इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो उसने अर्धसैनिक बलों के साथ स्थिति को संभालने का प्रयास किया, लेकिन दोनों ओर से हो रही भारी फायरिंग के चलते पांव पीछे खींचने को मजबूर हो गई। बाद में डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे तो हालात कुछ काबू में आए। देर रात सेना ने जाकर मोर्चा संभाल लिया था।

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