Friday, May 3, 2013

शहीद घोषित करने की मांग


सरबजीत की मौत के बाद उनके परिजनों ने उन्हें शहीद घोषित करने की मांग की है। पंजाब ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया भी है, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसी कोई पहल नहीं की है। हालांकि केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव डाला जा रहा है।

दरअसल, इस मामले में केंद्र सरकार के लिए मुश्किल है कि इसके लिए उसे नियम में बदलाव करने होंगे या सरबजीत को सैन्यकर्मी मानना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से शहीद का दर्जा देने के लिए बनी नियमावली के अनुसार, सिर्फ सैन्यकर्मियों को ही शहीद का दर्जा दिया सकता है, जिनकी मौत ड्यूटी के दौरान हुई हो। इनमें थल, वायु और नेवी तीनों के जवान शामिल होते हैं।

खास बात यह है कि इस नियमावली के अनुसार पुलिस और पारा मिलिटरी बल के जवान व अधिकारी भी शहीद का दर्जा पाने की श्रेणी में नहीं आते हैं। हालांकि कई राज्यों ने अपने यहां नियम में संशोधन कर सेना के अलावा, दूसरे लोगों को भी देश सेवा के नाम पर शहीद का दर्जा देने का प्रावधान बना लिया है। ऐसा ही पंजाब सरकार ने किया था, जिसकी बदौलत वहां की सरकार ने सरबजीत को तुरंत शहीद का दर्जा दे दिया।

कैबिनेट कमिटी के पास तीन साल से है मामला
कैबिनेट कमिटी के पास पिछले तीन साल से इस प्रस्ताव से संबंधित फाइल घूम रही है कि सेना के अलावा दूसरे लोगों को भी शहीद का दर्जा देने के बारे में पैरामीटर तय करे। इस बीच बड़ी संख्या में पुलिस वाले नक्सल और दूसरे उपद्रवी गतिविधियों के शिकार हुए और उन्हें शहीद का दर्जा देने से संबंधित फाइलें गृह मंत्रालय तक पहुंची।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2011 से अक्टूबर 2012 के बीच देश में 547 पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान मारे गए। इनमें कई ड्यूटी के दौरान भी मरे थे। लेकिन सरकार ने इन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया था।

पिछले साल गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों पर जल्द ही कोई अंतिम निर्णय होगा। अगर सरकार इन्हें शहीद का दर्जा देती है तो फिर सरकार को इन्हें तमाम सुविधाएं देनी होंगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, एक बार फिर सरबजीत के बहाने गृह मंत्रालय का ध्यान शहीद का दर्जा देने की पेचीदा प्रक्रिया पर गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस पर कोई निर्णय हो सकता है।

1 comment:

संगीता पुरी said...

मुसीबत जिनके गले आ लगती वे शहीद नहीं होते ..
जो औरों के लिए मुसीबत को गले लगाते हैं वे शहीद कहलाते हैं !!