फुकुशिमा के दायची न्यूक्लियर प्लांट के दूसरे रिऐक्टर में ब्लास्ट और चौथे रिऐक्टर में आग के बाद आसपास के इलाकों में अटॉमिक रेडिएशन का लेवल काफी बढ़ गया है। प्लांट के 20 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों से क्षेत्र को खाली कर देने के लिए कहा गया है, जबकि 20 से 30 किलोमीटर तक के इलाकों में लोगों से घर से न निकलने की अपील की गई है। टोक्यो तक अटॉमिक रेडिएशन पहुंचने की खबरें हैं, लेकिन अभी इसका लेवल खतरनाक नहीं है। जापान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि भूकंप प्रभावित अटॉमिक रिऐक्टरों के आसपास रेडियोसक्रियता खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है और इससे अटॉमिक रेडिएशन के रिसाव की मात्रा में भी वृद्धि की आशंका है। कान ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा,' हम रेडिएशन के रिसाव को फैलने से रोकने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। मै जानता हूं कि लोग काफी चिंतित है लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे संयम बनाए रखें।' राजधानी टोक्यो में फ्रांसीसी दूतावास ने चेतावनी जारी की है कि परमाणु रिऐक्टरों में ब्लास्ट के कारण रेडियोसक्रिय रेडिएशन हवा में घुल गया है और इस हवा के टोक्यो पहुंचने की आशंका है। न्यूज एजेंसी क्योदो ने कहा है कि फुकुशिमा से 250 किलोमीटर दूर टोक्यो में रेडिएशन लेवल सामान्य से नौ गुना अधिक पाया गया है। इस बीच, जापान ने अटॉमिक रेडिएशन के संकट का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (आईएइए) से मदद मांगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जापान ने अमेरिका से आग्रह किया है कि फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन को रोकने के लिए आवश्यक कूलिंग उपकरण और विशेषज्ञ मुहैया करवाने में मदद करे। जापान ने आईएइए से भी ऐसा अनुरोध किया है। अभी समुद्री पानी के जरिए वैज्ञिनक रिऐक्टरों को ठंडा करने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के लिए इस समय सबसे बडी चुनौती प्लांट के दूसरे रिऐक्टर से हुए रेडिएशन को रोकना है। इस रिएक्टर में कूलिंग सिस्टम होने के कारण अटॉमिक फ्यूल सीधे हवा के संपर्क में आ गया था। अटॉमिक रेडिएशन के कारण देश में दहशत का माहौल है। फुकुशिमा के आसपास के लोग प्रभावित स्थान से अधिक से अधिक दूर जा रहे हैं। विदेशी नागरिकों ने भी जापान छोडकर जाने का सिलसिला शुरु कर दिया है। फ्रांस पहला देश है जिसने अपने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे कुछ दिनों के लिए जापान छोडकर कहीं और चले जाएं।
Tuesday, March 15, 2011
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