Tuesday, July 13, 2010

न्यू जर्सी के बालाजी मंदिर में हिंदू रीति से शादी की

तलाक मुकदमों से जूझती महिलाओं को बड़ी राहत देते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि भारतीय फैमिली कोर्ट को उन मामलों में भी सुनवाई करने और फैसले देने का अधिकार है जिनमें पति विदेशी नागरिक हो और भारत का सामान्य निवासी न हो। जस्टिस ई धर्मा राव और जस्टिस के.के. शशिधरन की सदस्यता वाली खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम की संशोधित धारा 19 भारत के बाहर भी लागू होती है। पीठ ने कहा,'पति का देश की सीमा के बाहर रहना पत्नी को स्थानीय अदालत में अपनी शिकायत रखने से नहीं रोकता।' खंडपीठ फिल्म ऐक्टर आर सुकन्या और उनके पति आर श्रीधरन के मामले पर सुनवाई कर रही थी। गौरतलब है कि श्रीधरन अमेरिकी नागरिक हैं। दोनों ने 2002 में न्यू जर्सी के बालाजी मंदिर में हिंदू रीति से शादी की थी। एक साल बाद वह भारत लौट आईं और फिल्मों में काम करने लगीं। 2004 में उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल कर दी। चूंकि उनके पति अदालत में हाजिर नहीं हुए, इसलिए अदालत ने उन्हें तलाक की इजाजत दे दी।
बाद में श्रीधरन के अनुरोध पर पारिवारिक अदालत ने अपना फैसला पलट दिया। श्रीधरन ने हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर कहा, कि फैमिली कोर्ट को इस मामले की सुनवाई करने से रोका जाए क्योंकि अमेरिकी नागरिक के मामले की सुनवाई करना भारत की अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

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