Tuesday, November 25, 2008

साध्वी पूछताछ में र्निवस्त्र करना सर्वदा अनुचित

साध्वी की गिरफतारी का लाभः भाजपा को अवश्य होगा । पूछताछ में र्निवस्त्र करना सर्वदा अनुचित

नई दिल्लीः साध्वी प्रज्ञा के मसले को केंद्र में रखकर बीजेपी और संघ परिवार चुनाव
ी ध्रुवीकरण के लिए कमर कस चुका है। इस काम में सबसे अहम साबित हो रहा है साध्वी का वह हलफनामा जो उन्होंने अपने वकील के जरिए नासिक कोर्ट में 17 नवंबर को पेश किया था। गौरतलब है कि इसी हलफनामे को पढ़ने के बाद बीजेपी के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी ने एटीएस टीम बदले जाने और निष्पक्ष जुडिशल इन्क्वायरी की मांग की थी। बीजेपी ने साध्वी के हलफनामे को अपनी वेबसाइट www.bjp.org पर भी पोस्ट कर दिया है। संघ की विचारधारा और योजना के तहत काम कर रहे कई संगठन भी इसे प्रसारित कर रहे हैं। हलफनामे को इन संगठनों द्वारा मुस्लिम तुष्टीकरण के विरोध में तैयार की जा रही प्रचार सामग्री में इस्तेमाल किए जाने की भी तैयारी है। विदेश में काम कर रहे कई रिसर्च स्कॉलरों और संघ परिवार समर्थकों को भी हलफनामा भेजा गया है। मकसद है सरकार पर हिंदुओं के उत्पीड़न और हिंदू आतंकवाद का छद्म हौवा खड़ा करने का आरोप लगाना। हलफनामे में साध्वी ने एटीएस पर रात-दिन मारपीट करने, चरित्र पर उंगली उठाने और 12 दिन तक गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखने के आरोप लगाए हैं। उधर एक न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पूछताछ के दौरान दबाव बनाने के लिए पुलिस ने साध्वी को अश्लील सीडी सुनाई और उन्हें निर्वस्त्र करने की भी धमकी दी। शुरू में बीजेपी प्रेजिडेंट राजनाथ सिंह ने कहा था कि मैं साध्वी से व्यक्तिगत रूप से परिचित नहीं हूं। किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मिला था। बाद में पार्टी के सुर बदल गए। सिंह ने कहा कि साधु संतों और सेना का अपमान नहीं बर्दाश्त किया जाएगा। आडवाणी ने और भी कड़े तेवर अपनाए। एनडीए शासनकाल के दौरान हिंदूवादी संगठनों से प्रत्यक्ष दौर पर दूरी बनाए रखने वाली बीजेपी ने पानीपत में विश्वहिंदू परिषद के बैनर तले हुए संत समागम में शिरकत की और आंदोलन को आगे बढ़ाने के पक्ष में रुख दिखाया। इसी का नतीजा है कि ईमेल और दूसरी प्रचारात्मक सामग्री के जरिए साध्वी मसले को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। कई ब्लॉग्स पर भी साध्वी का हलफनामा पोस्ट किया गया है। इसमें उनके साथ मारपीट और अश्लील व्यवहार को खास तौर पर हाईलाइट किया गया है। इसी टोन का एक एसएमएस, 'वाह इंडिया वाह, अफजल को माफी, साध्वी का फांसी, आरएसएस पर प्रतिबंध और सिमी के साथ अनुबंध अमरनाथ यात्रा पर लगान और हज के लिए अनुदान, जागो हिंदू जागो' भी सर्कुलेशन में है। इस तरह की प्रचार सामग्री में प्राथमिक स्त्रोत को तलाशना मुमकिन नहीं है। ऐसे में बड़ी आसानी से राजनैतिक जवाबदेही से भी बचा जा सकता है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस मसले पर पहले तो कहा कि हलफनामा पब्लिक प्रॉपर्टी है। यह पूछे जाने पर कि किसी आरोपी का हलफनामा राजनीतिक संगठन के वेबसाइट पर पोस्ट करने का क्या मकसद हो सकता है, उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर फोन काट दिया।

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