Thursday, November 27, 2008

इस साल अब तक देशभर में 11 बड़े आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में 340 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं।

इस साल अब तक देशभर में 11 बड़े आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में 340 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं।
मुबईः कम से कम 80 लोगों की मौत। एटीएस चीफ समेत 5 बड़े पुलिस अफसर और 6 पुलिसकर्मी शहीद। आतंकियों ने 10 जगह अंधाधुंध फायरिंग की। दो फाइव स्टार होटलों में सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया। 30 अक्टूबर 2008, असमः 18 सीरियल ब्लास्ट। 77 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल। 21 अक्टूबर 2008, इम्फालः पुलिस कमांडो कॉम्पलेक्स के सामने ब्लास्ट। 17 लोगों की मौत। 29 सितंबर 2008, मालेगांवः भीड़ भरे बाजार में खड़ी बाइक पर बम फटा। 5 लोगों की मौत। 29 सितंबर 2008, मोडासाः गुजरात के छोटे से कस्बे में बाजार में बम फटा। एक बच्चे की मौत। 27 सितंबर 2008, दिल्लीः महरौली के बाजार में बाइक सवारों ने बम फेंका। 3 लोगों की मौत। 13 सितंबर 2008, दिल्लीः शहर में कई जगह 6 ब्लास्ट। 26 लोगों की मौत। 26 जुलाई 2008 , अहमदाबादः दो घंटों के भीतर 20 जगह बम ब्लास्ट। 57 लोगों की मौत। 25 जुलाई 2008, बेंगलुरुः कम क्षमता के बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत। 13 मई 2008, जयपुरः सीरियल बम ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत। जनवरी 2008, रामपुरः सीआरपीएफ कैंप पर आतंकवादियों की अंधाधुंध फायरिंग। 8 जवानों की मौत।
मुंबई पर हुए आतंकवादी हमला अपनी तरह का पहला हमला है। इस हमले में दहशत फैलाने का हर हथकंडा इस्तेमाल किया गया ह
ै। फिर चाहे वह सड़कों पर खुलेआम फायरिंग हो या मासूम नागरिकों को बंधक बनाना , हर उस तरीके का इस्तेमाल आतंकवादियों ने किया है , जो डर पैदा कर सके। इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए टीवी चैनलों को एक मेल भेजा गया। यह मेल रूस से भेजा गया। इस मेल का मजमून हम आपको पढ़ने के लिए दे रहे हैं। इसका मकसद आपको डराना नहीं बल्कि यह दिखाना है कि भारत के दुश्मन किस हद तक गिर सकते हैं और हमें उनका जवाब देने के लिए कितनी हिम्मत और एकता दिखानी होगी। भारत सरकार मुसलमानों पर अन्याय करना बंद करे। उनके छीने हुए राज्य उन्हें वापस कर दे। अब हम अन्याय नहीं सहेंगे। हमें पता है कि भारत सरकार इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लेगी , इसलिए हमने यह निश्यच किया है कि चेतावनी सिर्फ चेतावनी ही न रहे बल्कि अमलन यह चेतावनी सही साबित भी हो। जिस का जीता जागता उदाहरण मुंबई में आप देख चुके हैं। हिंदू यह न समझें कि एटीएस और सेना बहुत आधुनिक हथियारों से लैस है और बहादुर भी। कितनी बहादुर है यह नक्सल प्रभावित हिस्सों में आप देख ही रहे हैं। यह हमला उस क्रिया की प्रतिक्रिया है, जो हिंदू 1947 से अब तक करते आए हैं। अब कोई क्रिया नहीं होगी , सिर्फ प्रतिक्रिया होगी और बार-बार होती रहेगी। ऐसा मत समझना कि हम तुम्हारी हरकतें देख नहीं रहे हैं। हमारी हर जगह नजर है और हम बदला लेने के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। हम जानते हैं कि हाल ही में अंसारनगर , मोगरापाड़ा आदि इलाकों में रेड डालकर किस तरह मुसलमानों को परेशान किया गया। इन सबकी जिम्मेदारी मुंबई एटीएस और उनके सरपरस्त विलासराव देशमुख और आर. आर. पाटिल की है। तुम हमारी हिटलिस्ट में हो और पूरी गंभीरता से हो।

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