कॉमनवेल्थ गेम्स समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गेम्स से जुड़े घोटालों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी। पूर्व सीएजी की अगुवाई में बनी यह समिति तीन महीने के अंदर प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) के प्रवक्ता ने शुक्रवार शाम को यह जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) वी.के. शुंगलू इस समिति के अध्यक्ष होंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के इस एलान से पहले ही सीएजी ने गेम्स से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का मूल्यांकन करने की घोषणा कर चुकी थी। गौरतलब है कि घोटालों के लिए चौतरफा आलोचनाएं झेल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को प्रधानमंत्री के खास समारोह में नहीं बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक जानबूझकर उनकी अनदेखी की गई थी। शाम होते-होते प्रधानमंत्री द्वारा जांच समिति बनाए जाने से यह साफ हो गया कि उन्ही के निर्देश पर कलमाड़ी को उनके खास समारोह से दूर रखा गया था। इससे पहले बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा था कि पार्टी इन खेलों में हुए भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और तैयारियों में हुई देरी के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएगी। कांग्रेस ने कहा कि किसी भी गड़बड़ी की जांच होनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, अगर सरकारी पैसे का कोई गलत इस्तेमाल हुआ है तो निश्चित तौर पर इसकी जांच किए जाने की जरूरत है, और जो भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस बीच सीएजी ने अपनी तरफ से भी गेम्स के प्रोजेक्टों का आकलन शुरू कर दिया। इसके अधिकारी सभी स्टेडियम जाएंगे और रेकॉर्ड्स खंगालेंगे। उसने सीपीडब्ल्यूडी ऑफिस में जांच अधिकारी भेजे हैं। सीएजी जनवरी के अंत तक रिपोर्ट पेश कर सकता है।
Friday, October 15, 2010
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1 comment:
सार्थक और सराहनीय प्रयास ..इस गेम के पीछे के भ्रष्टाचार के शर्मनाक गेम की ईमानदारी और गंभीरता से जाँच होनी ही चाहिए तथा दोषियों को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए ....
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