Thursday, August 12, 2010

पंडित नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन के बीच कथित प्रेम प्रसंग ही देश के विभाजन की वजह बना था।

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना में आजादी के समय देश के विभाजन के पीछे एक नई ही थिअरी पेश की है। इस वयोवृद्ध नेता का कहना है कि पंडित नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन के बीच कथित प्रेम प्रसंग ही देश के विभाजन की वजह बना था। ठाकरे के मुताबिक, लॉर्ड माउंटबेटन ने इसी दीवानगी का फायदा उठाया और देश के साथ धोखा हो गया। पाकिस्तान से भारत को खतरे की बाबत पूछे एक सवाल में ठाकरे ने कहा कि मेरे पास एक फिल्म है जिसमें नेहरू-एडविना प्रसंग और पाकिस्तान के निर्माण को फिल्माया गया है। इस फिल्म को इंग्लैंड में बैन कर दिया गया था, क्योंकि इससे देश की बदनामी का डर था। देशभक्ति इसे कहा जाता है। ठाकरे ने अपने भतीजे राज ठाकरे का नाम लिए बिना सामना में लिखा है कि अब कुछ लोग मेरे स्टाइल की नकल कर रहे हैं। उनका दावा है कि वे मराठियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ध्यान हो कि राज की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी मराठियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है। शिवसेना प्रमुख ने अपराधियों को टिकिट देने, मतदाताओं को धन या शराब बांटने पर भी ऐतराज जताया। उन्होंने दावा किया कि मैंने पूर्व में शिवसेना सांसद और अब कांग्रेस में शामिल हो चुके संजय निरुपम को मतदाताओं को शराब देकर लुभाने पर फटकार लगाई थी।

2 comments:

RAJENDRA said...

यदि आप वास्तव में जानना चाहते हैं तो पूरा प्रसंग The last days of British Rule in India by Leonord Mosley में पढ़ कर पुष्टि कर सकते हैं ठाकरे ने कोई नई बात नहीं कही है. समय के साथ पुरानी घटनाये महत्वहीन हो जाती हैं पर इतिहास पढ़ कर हम अपना भविष्य सुधरने का संकल्प ले सकते हैं. एक कांग्रेस का विकल्प तक तो हम ६२ साल में ढून्ढ नहीं पाए जिसको गांधीजी भी आजादी के बाद चलाना
नहीं चाहते थे

RAJENDRA said...

यदि आप वास्तव में जानना चाहते हैं तो पूरा प्रसंग The last days of British Rule in India by Leonord Mosley में पढ़ कर पुष्टि कर सकते हैं ठाकरे ने कोई नई बात नहीं कही है. समय के साथ पुरानी घटनाये महत्वहीन हो जाती हैं पर इतिहास पढ़ कर हम अपना भविष्य सुधरने का संकल्प ले सकते हैं. एक कांग्रेस का विकल्प तक तो हम ६२ साल में ढून्ढ नहीं पाए जिसको गांधीजी भी आजादी के बाद चलाना
नहीं चाहते थे