Saturday, February 27, 2010

सही मायने में 'आम आदमी विरोधी' बजट

लेफ्ट पार्टियों ने प्रणव मुखर्जी के आम आदमी के बजट पर पलट वार करते हुए कहा है कि यह बजट सही मायने में 'आम आदमी विरोधी' बजट है। लेफ्ट पार्टियों ने सरकार से पेट्रोल और डीजल के दामों में की गई बढ़ोतरी फौरन वापस लेने को कहा है। फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी में कटौती के प्रस्ताव को भी वापस लेने की मांग की है। लेफ्ट ने चेतावनी दी है कि सरकार के इस आम आदमी विरोधी बजट के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। अगले महीने संसद के सामने विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। सीपीएम ने परोक्ष रूप से लगाए जाने वाले कर प्रावधानों को भी सरकार से वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि इससे मुद्रास्फीति बढ़े। आम आदमी पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। सीपीएम के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि आम आदमी विरोधी बजट प्रस्तावों के खिलाफ प्रभावी ढंग से आंदोलन चलाने के लिए आरजेडी , एसपी , बीएसपी , टीडीपी , बीजेडी , एआईएडीएमके के नेताओं से बातचीत चल रही है। सीपीआई के नैशनल सेक्रेटरी डी. राजा का कहना है कि बजट प्रस्तावों से मुदास्फीति बढ़ेगी। सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें और बढ़ जाएंगी। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ने से दूरगामी दुष्प्रभाव होगा। यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि यह बजट गरीब विरोधी है। सरकार ने जिस तरह पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है, उससे आने वाले वक्त में महंगाई आसमान पर पहुंच जाएगी। इससे जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा।

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