Sunday, February 17, 2013

गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की चर्चा


 संसद पर हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु के शव को कश्मीर लाए जाने की चर्चा जोरों पर है। 9 फरवरी को तिहाड़ जेल में अफजल को फांसी पर लटकाए जाने के बाद कश्मीर में हुए हिंसक प्रदर्शनों से केंद्र सरकार चिंतित है। इसके अलावा कांग्रेस की राज्य इकाई और सहयोगी पार्टी नैशनल कॉन्फ्रेंस भी सरकार पर लगातार दबाव बना रही है कि अफजल के शव को उसके परिवार वालों को सौंप दिया जाए। इन परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय अफजल के शव को कश्मीर भेजने पर गंभीरत से विचार कर रहा है। इस बारे में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की चर्चा भी हुई लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।

सूत्रों के मुताबिक, परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर इस सप्ताह अफजल का शव कश्मीर लाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम फैसला हो सकता है। पारिवारिक सूत्रों का दावा है कि उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि शव को नई दिल्ली से श्रीनगर एयरपोर्ट पर लाया जाएगा। वहां से उसे सीधे सोपोर ले जाया जाएगा और परिवार वालों को सौंपा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों का एक दल भी नई दिल्ली जाएगा।

वादी में फांसी पर गरमाई सियासत के बीच निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने अफजल गुरु को शहीद करार देते हुए कहा कि वह विधानसभा के बजट सेशन में एक प्रस्ताव पेश करेंगे ताकि अफजल का शव तिहाड़ जेल से कश्मीर लाया जा सके। रशीद अफजल की सजा माफी के लिए भी कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव लाए थे, जो कि पारित नहीं हो पाया था। रशीद ने मकबूल बट्ट का भी शव कश्मीर लाने और लालचौक का नाम अफजल गुरु चौक रखे जाने का सुझाव दिया है।

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