केंद्र की यूपीए सरकार को एक और झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की नियुक्ति पर सवाल उठा दिया। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर एक आपराधिक मामले में नाम रहते हुए कोई शख्स सीवीसी के तौर पर काम कैसे कर सकता है। सोमवार को सरकार की ओर से अटॉनी जनरल जीई वाह्नवती ने अदालत में सीवीसी पीजे थॉमस की नियुक्ति से संबंधित सीलबंद फाइल रखी। इसके बाद अदालत ने पूछा कि जब पीजे थॉमस का नाम एक आपराधिक मामले में शामिल है तो फिर वह सीवीसी के रूप में काम कैसे कर सकते हैं? चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, हम इन फाइलों को देखे बगैर, इस बात पर चिंतित हैं कि अगर कोई शख्स किसी आपराधिक मामले में आरोपी है तो वह सीवीसी के रूप में काम कर कैसे सकता है? गौरतलब है कि सीवीसी के रूप में पीजे थॉमस की नियुक्ति को लेकर पहले से विवाद है। विपक्षी दल इस फैसले का विरोध करते रहे हैं।
Monday, November 22, 2010
आखिर एक आपराधिक मामले में नाम रहते हुए कोई शख्स सीवीसी के तौर पर काम कैसे कर सकता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment