2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच सु्प्रीम कोर्ट की देख-रेख में करने के लिए सीबीआई तैयार हो गई है। केंद्र सरकार भी इसके लिए तैयार है। गौरतलब है कि इसके पहले सीबीआई यह कह रही थी कि सीबीआई की देख-रेख में इस घोटाले की जांच करना उसके लिए संभव नहीं है। 2जी स्पेक्ट्रम की जांच को लेकर सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रहा विरोध खत्म हो गया है। अब सीबीआई इस घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में करने को तैयार हो गई है। इसके साथ ही अब इस जांच पर लोगों का भरोसा बढ़ गया है।
Tuesday, November 30, 2010
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच सु्प्रीम कोर्ट की देख-रेख में करने के लिए सीबीआई तैयार
वाल्मीकि रामायण की नकल
अगर तुलसीदास ने रामचरित मानस आज लिखी होती तो वह साहित्यिक चोरी के मामले में जेल चले गए होते। उनकी रचना और कुछ नहीं बल्कि वाल्मीकि रामायण की नकल है। यह बात जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के प्रफेसर तुलसीराम ने दलित साहित्य पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में कही। सेमिनार का आयोजन साहित्य अकादमी और पटना यूनिवर्सिटी हिन्दी विभाग ने संयुक्त रूप से किया है। तुलसीराम ने कहा कि नकल होने के बावजूद तुलसीदास की रामचरित मानस काफी लोकप्रिय हुई। कट्टर हिंदू समाज ने इसे इसलिए लोकप्रिय बनाया क्योंकि इसे लिखने वाले तुलसीदास ब्राह्मण थे जबकि वाल्मीकि के दलित होने की वजह से उनकी रचना को अनदेखा कर दिया गया।
Monday, November 22, 2010
आखिर एक आपराधिक मामले में नाम रहते हुए कोई शख्स सीवीसी के तौर पर काम कैसे कर सकता है।
केंद्र की यूपीए सरकार को एक और झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की नियुक्ति पर सवाल उठा दिया। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर एक आपराधिक मामले में नाम रहते हुए कोई शख्स सीवीसी के तौर पर काम कैसे कर सकता है। सोमवार को सरकार की ओर से अटॉनी जनरल जीई वाह्नवती ने अदालत में सीवीसी पीजे थॉमस की नियुक्ति से संबंधित सीलबंद फाइल रखी। इसके बाद अदालत ने पूछा कि जब पीजे थॉमस का नाम एक आपराधिक मामले में शामिल है तो फिर वह सीवीसी के रूप में काम कैसे कर सकते हैं? चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, हम इन फाइलों को देखे बगैर, इस बात पर चिंतित हैं कि अगर कोई शख्स किसी आपराधिक मामले में आरोपी है तो वह सीवीसी के रूप में काम कर कैसे सकता है? गौरतलब है कि सीवीसी के रूप में पीजे थॉमस की नियुक्ति को लेकर पहले से विवाद है। विपक्षी दल इस फैसले का विरोध करते रहे हैं।
Friday, November 19, 2010
धार्मिक नेता ही इस मसले को हल करने में सक्षम है।
Thursday, November 18, 2010
पहले चरण में 30 से 40 पर्सेंट भी देश में आ गया तो हमें कर्ज के लिए आईएमएफ या विश्व बैंक के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे।
कहा जाता है कि 'भारत गरीबों का देश है, मगर यहां दुनिया के बड़े अमीर बसते हैं।' यह बात स्विस बैंक की एक चिट्ठी ने साबित कर दी है। काफी गुजारिश के बाद स्विस बैंक असोसिएशन ने इस बात का खुलासा किया है कि उसके बैंकों में किस देश के लोगों का कितना धन जमा है। इसमें भारतीयों ने बाजी मारी है। इस मामले में भारतीय अव्वल हैं। भारतीयों के कुल 65,223 अरब रुपये जमा है। दूसरे नंबर पर रूस है जिनके लोगों के करीब 21,235 अरब रुपये जमा है। हमारा पड़ोसी चीन पांचवें स्थान हैं, उसके मात्र 2154 अरब रुपये जमा है। भारतीयों का जितना धन स्विस बैंक में जमा है, तकनीकी रूप से वह हमारे जीडीपी का 6 गुना है। सरकार पर दबाव है और कोशिशें भी जारी है कि इस धन को वापस देश में लाया जाए। तकनीकी रूप से यह ब्लैक मनी है। अगर यह धन देश में वापस आ गया तो देश की इकोनॉमी और आम आदमी की बल्ले-बल्ले हो सकती है।
कर्ज नहीं लेना पड़ेगा प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक भारत को अपने देश के लोगों का पेट भरने और देश को चलाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ता है। यही कारण है कि जहां एक तरफ प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है, वही दूसरी तरफ प्रति भारतीय पर कर्ज भी बढ़ता है। अगर स्विस बैंकों में जमा ब्लैक मनी का पहले चरण में 30 से 40 पर्सेंट भी देश में आ गया तो हमें कर्ज के लिए आईएमएफ या विश्व बैंक के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। धन की कमी स्विस बैंक में जमा धन पूरा करेगा। 30 साल का बजट बिना टैक्स के स्विस बैंकों में भारतीयों का जितना ब्लैक मनी जमा है, अगर वह सारी राशि भारत को मिल जाती है तो भारत देश को चलाने के लिए बनाया जाने वाला बजट बिना टैक्स के 30 साल के लिए बना सकता है। यानी बजट ऐसा होगा कि जिसमें कोई टैक्स नहीं होगा। आम आदमी को इनकम टैक्स नहीं देना होगा और किसी भी वस्तु पर कस्टम या सेल टैक्स नहीं देना होगा। सभी गांव जुड़ेंगे सड़कों से सरकार सभी गांवों को सड़कों से जोड़ना चाहती है। इसके लिए 40 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। मगर सरकार के पास इतना धन कहां हैं। अगर स्विस बैंक से ब्लैक मनी वापस आ गया तो हर गांव के पास एक ही चार लेन की सड़क बन सकती है। कोई बेरोजगार नहीं देश में कोई भी बेरोजगार नहीं रहेगा। जितना धन स्विस बैंक में भारतीयों का जमा है, उससे उसका 30 पर्सेंट भी देश को मिल जाए तो करीब 20 करोड़ नई नौकरियां पैदा की जा सकती है। 50 पर्सेंट धन मिलेगा तो 30 करोड़ नौकरियां मार्केट में आ सकती हैं। देश से गरीबी गायब अमेरिकी एक्सपर्ट का अनुमान है कि स्विस बैंकों में भारतीयों का जितना धन जमा है, अगर वह उसका 50 पर्सेंट भी भारत को मिल गया तो हर साल प्रत्येक भारतीय को 2000 रुपये मुफ्त में दिए जा सकते हैं। यह सिलसिला 30 साल तक जारी रहा सकता है। यानी देश में गरीबी दूर हो जाएगी।
Thursday, November 11, 2010
हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की बैठक को सोमवार तक के लिए स्थगित
देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की बैठक को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में संचार मंत्री ए. राजा को हटाए जाने की मांग करते हुए बीजेपी, एआईडीएमके समेत विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की कुर्सी के नजदीक आ गए और नारेबाजी करने लगे। इसके तुरंत बाद कांग्रेस के भी कुछ सदस्य सोनिया के खिलाफ संघ के पूर्व सरसंघचालक के. एस. सुदर्शन की विवादास्पद टिप्पणी पर नारेबाजी करने लगे। सुदर्शन के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सीआईए की एजेंट बताया था और सोनिया को राजीव और इंदिरा गांधी के हत्या के पीछे जिम्मेवार बताया था। बीजेपी, जेडीयू, सपा, शिवसेना, लेफ्ट, एआईडीएमके ने सरकार से कॉमनवेल्थ गेम्स और आदर्श हाउसिंग घोटाले का मुद्दा भी उठाया। शोर शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर भी सदन में भारी हंगामे की स्थिति रही और उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने कुछ ही मिनट बाद बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में हंगामे के कारण आज दूसरे दिन भी प्रश्नकाल नहीं चल सका। सदन में भारी शोरगुल के कारण कुछ भी साफ सुनाई नहीं दे सका। इसके चलते सभापति हामिद अंसारी ने बैठक शुरू होने के महज दो मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही सत्यव्रत चतुर्वेदी और मैबेल रिबेलो समेत कांग्रेस सदस्य उस अखबार को दिखाते हुए सभापति की कुर्सी के करीब पहुंच गए जिसमें संघ के पूर्व सरसंघचालक सुदर्शन की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के बारे में की गई टिप्पणियों का जिक्र था। दोपहर बाद भी राज्यसभा की बैठक हंगामे के कारण सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।