Tuesday, July 12, 2011
कैबिनेट में फेरबदल-आखिरकार हो गया।
Tuesday, July 5, 2011
कलमाड़ी ने जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के साथ उनके रूम में चाय पी
कॉमनवेल्थ गेम्स प्रोजेक्टों में घपला मामले में तिहाड़ की जेल नंबर-4 में बंद सुरेश कलमाड़ी और नीतिश कटारा हत्याकांड के दोषी विशाल एवं विकास यादव को जेल में विशेष सुविधा दिए जाने के आरोपों पर विजिलेंस रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर जेल नंबर-4 के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें दो असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट और एक हेड वार्डर हैं। जांच में इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि कलमाड़ी ने जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के साथ उनके रूम में चाय पी थी। तिहाड़ जेल के डीआईजी आर. एन. शर्मा ने बताया कि सस्पेंड किए गए अफसरों में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कृष्ण कुमार और जितेंद्र पाल व हेड वार्डर सतबीर सिंह शामिल हैं। तीनों की तैनाती जेल नंबर-4 में है। शर्मा के मुताबिक, जेल प्रशासन की ओर से दिल्ली सरकार को जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा गया था, लेकिन दिल्ली सरकार के पास यह अधिकार नहीं है कि वह दानिक्स कैडर के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सके। इसलिए सरकार ने मामला गृह मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। डीआईजी शर्मा ने बताया कि 30 जून को ट्रायल कोर्ट के एक जज द्वारा जेल नंबर-4 का दौरा करने पर पाया गया कि उस वक्त कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के ऑफिस में बैठकर उनके साथ चाय पी रहे थे। साथ ही, विशाल और विकास यादव उस वक्त जेल से बाहर घूमते देखे गए थे, जबकि जेल बंद थी। विजिलेंस जांच में कलमाड़ी ने कबूला है कि उन्होंने जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय पी थी। मामले में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कृष्ण कुमार को इसलिए सस्पेंड किया गया है, क्योंकि जेल के कायदे-कानूनों का उल्लंघन करते हुए असमय वार्ड और सेल खोले गए थे। असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट जितेंद्र पाल के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने विशाल और विकास यादव को जुल से बाहर घूमने की अनुमति दी थी। जबकि उस वक्त जेल के सभी वार्ड, बैरक और सेल बंद थे। हेड वार्डर सतबीर सिंह पर भी दोनों को जेल बंद होने के बावजूद बाहर घूमने की इजाजत देने का आरोप है। जज के दौरे के दौरान, विशाल यादव जेल बंद होने के बावजूद मंदिर के बाहर पाया गया था, जबकि विकास यादव भी बाहर घूम रहा था। हालांकि विकास यादव के बारे में कहा जा रहा है कि वह फोन करने बाहर आया था और दोपहर 12:10 बजे वापस अपने वार्ड में जा रहा था। उस दिन 27 कैदियों को अपने-अपने परिचितों से जेल के अंदर लगे फोन से बात करनी थी। इसमें एक नाम विकास यादव का भी था।
अभी तक 1 लाख करोड़ का खजाना मिलने की बात
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में जमा खजाने की सूची तैयार करने का काम सोमवार को लगातार सातवें दिन भी जारी रहा। मंदिर से अभी तक 1 लाख करोड़ का खजाना मिलने की बात कही जा रही है , लेकिन सूची बना रही कमेटी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मंदिर के चेंबर बी खोले जाने पर संकट खड़ा हो गया है , क्योंकि राज परिवार इसे खोलना अशुभ बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर के 6 चेंबरों में जमा सामान की सूची बनाई जा रही है , जिनमें से 2 को पिछले 150 सालों से नहीं खोला गया है। कोर्ट ने ये आदेश टी . पी . सुंदरम की मंदिर के कामकाज में अनियमितता संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए थे। इस काम के लिए कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जज एम . एन . कृष्णन ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि चेंबर बी खोलने के लिए खास प्रक्रिया की जरूरत होगी , क्योंकि मंदिर का रख - रखाव करने वाले त्रावणकोर राज परिवार का मानना है कि इसे खोलना अशुभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सात सदस्यों की इस कमेटी की बैठक शुक्रवार को होगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उधर , राज परिवार के सूत्रों के अनुसार , चेंबर बी के मुख्य द्वार पर सांप का बना होना यह दर्शाता है कि इसे खोलना अशुभ साबित हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि जांच कमेटी भी इसे खोलेगी , क्योंकि इसके साथ मंदिर की काफी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। एक मान्यता के अनुसार , चेंबर बी के नीचे एक सुरंग है , जो समुद्र तक जाती है। इस बीच , मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस का 24 घंटे पहरा जारी है। रविवार को मुख्यमंत्री ओमेन चैंडी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार , पुलिस पेट्रोलिंग की निगरानी के लिए फोर्ट पुलिस स्टेशन में कंट्रोल रूम भी काम करने लगा है। मंदिर की सुरक्षा के इंचार्ज एडीजी वेणुगोपाल के . नैय्यर ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है।
Monday, July 4, 2011
अब तक मिली वस्तुओं की कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये आंकी गई
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने से बेशुमार बेशकीमती चीजें मिलने का सिलसिला जारी है। अब तक मिली वस्तुओं की कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। मंदिर के 6 में से 5 चैंबर खोले जा चुके हैं। छठा चैंबर अभी खुलना बाकी है। पहले खुल चुके एक चैंबर की सोमवार को फिर से तलाशी ली जाएगी। हालांकि इसके बाद यह बहस शुरू हो गई है कि इस शाही संपदा को सुरक्षित कैसे रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सात लोगों का पैनल मंदिर के खजाने की लिस्ट बना रहा है। इसमें हाई कोर्ट के दो पूर्व जज हैं। 27 जून से चल रही यह कवायद रविवार को एक दिन के लिए रोक दी गई। मंदिर के तहखाने में ' ए ' से लेकर ' एफ ' तक छह तिजोरियां हैं। इनमें से दो पिछले 150 साल से नहीं खुली थीं। फिलहाल तिजोरी ' बी ' को खोलने के बारे में जरूरी निर्देश लेने पैनल के एक मेंबर दिल्ली आए हैं। केरल के मुख्यमंत्री ने मंदिर को सुरक्षा देने के लिए रविवार शाम को हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। मंदिर से बड़ी मात्रा में सोने के गहने , सोने - चांदी के सिक्के , जवाहरात जड़े मुकुट , मूर्तियां वगैरह मिली हैं। कुछ नेकलेस तो नौ फुट लंबे और दस किलो वजनी हैं। यह खजाना त्रावणकोर के शाही घराने ने मंदिर में संग्रहीत कर रखा था। यहां विजयनगर साम्राज्य और यूरोपीय देशों के सिक्के भी मिले हैं , जो शायद उपहार में मिले थे। आजादी के समय इलाके के बाकी मंदिर तो त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड को सौंप दिए गए लेकिन राजघराने ने भारत सरकार से समझौता करके पद्मनाभस्वामी मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में रखा। इतिहासकारों के बीच चर्चा है कि मंदिर से इतनी दौलत मिलने से पता चलता है कि इसकी देखभाल करने वाला शाही घराना कितना ईमानदार रहा है। कई उदाहरण हैं , जहां राजघरानों ने अपने नियंत्रण वाले मंदिरों की संपत्ति को ऐशोआराम में उड़ा दिया या उसे लुटेरों ने लूट लिया। कुछ इतिहासकारों और वीएचपी जैसे संगठनों ने इस विचार का विरोध किया है कि मंदिर की दौलत को सरकार को दे दिया जाए। इन लोगों को आशंका है कि इससे मंदिर में अव्यवस्था फैल जाएगी। इसकी जगह कुछ लोगों ने मंदिर में एक म्यूजियम खोलने की बात कही है जिसमें खजाने की चुनिंदा चीजें रखी जाएं। इस दौलत का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करने की बात कहने वाले एक तर्कशास्त्री यू . कलानाथन के घर पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। मलप्पुरम में स्थानीय नेता कलानाथन के घर पर शनिवार रात हमला हुआ। उनके घर की खिड़कियां और बाइक तोड़ दी गईं। हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। कलानाथन ने एक चैनल पर बहस में कहा था कि मंदिर की संपत्ति का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए होना चाहिए।