पटियाला हाउस कांड समेत वकीलों से जुड़ी कुछ हालिया घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। उसका मानना है कि इस तरह की घटनाओं से कानूनी पेशे की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है। शीर्ष न्यायालय ने इसके मद्देनजर वकीलों से आत्म निरीक्षण करने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "समय आ गया है जब हमें आत्म निरीक्षण करना चाहिए। इससे बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) को भी मदद मिलेगी। कुछ वकील विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ लड़ाई कर रहे हैं। कुछ पत्थरबाजी कर रहे हैं। जबकि केवल कुछ ही कानूनी बहस में हिस्सा ले रहे हैं।"
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआइबीई) की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त टिप्पणी की। वकालत का लाइसेंस जारी करने के लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया हर साल एआइबीई का आयोजन करती है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के हवाले कर दिया।
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